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गन्ने में पोक्का बोइंग बीमारी के प्रभावी नियंत्रण के लिए करें व्यापक प्रचार प्रसार: उप गन्ना आयुक्त

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SAHARANPUR NEWS: उप गन्ना आयुक्त ओ. पी. सिंह ने सहारनपुर परिक्षेत्र के तीनो जनपदों के ज़िला गन्ना अधिकारियों व सभी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षकों, तथा चीनी मिलों के महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वें स्वयं तथा फील्ड स्टॉफ के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार करके किसानों को जागरूक करें की यह बीमारी बारिश के मौसम में गर्मी ओर अधिक नमी में होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक वर्तमान में गन्ने की फसल में  पोकका बोइंग बीमारी के  लक्षण नजर बहुत कम नजर आए हैं। किन्तु भविष्य में गन्ने की फसल को इस पोकका बोइंग बीमारी से बचाना अति आवश्यक है नही तो गन्ने की फसल की पैदावार प्रभावित हो सकती है। इसलिए गांव गांव में गोष्ठी और किसान चौपाल आदि से
किसानो को सुझाव दिए जाएं कि किसान भाई इसके लक्षणों को पहचानें जिनमे सबसे पहले गन्ने की अगोले की पत्तियों पर सिकुड़न के साथ सफेद धब्बे दिखाई पड़ते हैं और संकर्मण बढ़ने पर पत्तियां मुरझाकर काली पड़ जाती हैं और पत्ती का ऊपरी भाग सड़कर गिर जाता है जिससे फसल की बढ़वार रुक जाती है और अगोल में हरा पन समाप्त होने लगता है तथा अगोला झुलसा हुआ दिखता है ।
बीमारी की इस प्रथम अवस्था को क्लोरोटिक फेज कहते हैं तथा इसकी द्वितीय अवस्था को टॉप रोट अवस्था कहते हैं जिसमे गन्ने के ऊपर (टॉप)की सारी पत्तियां सड़ कर गिर जाती हैं व ऊपरी हिस्सा नुकीला हो जाता है तथा तृतीय अवस्था में गन्ने की ऊपर की पोरियां छोटी रह जाती हैं तथा उन पर चाकू जैसे कटे निसान दिखाई पड़ते हैं जिसे नाइफ कट अवस्था कहते हैं। उप गन्ना आयुक्त ने स्वयं कई चीनी मिल क्षेत्रों में भ्रमण कर खेतो का निरीक्षण किया ओर किसानो से वार्ता करते हुए उन्हें पोक्का बोइंग बीमारी के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया की इस रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर किसान भाई कॉपर ऑक्सी क्लोराइड 0.2प्रतिशत अर्थात 100 लीटर पानी में 200 ग्राम दवाई की दर से अथवा करबंडाजिम दवाई 0.1 प्रतिशत की दर से अर्थात 100 लीटर पानी में 100 ग्राम दवाई की दर से 15 दिन के अंतराल पर दो छिड़काव करें। उप गन्ना आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए हैं की किसानो को इस बात के लिए विशेष रूप से जागरूक करें की वे इस समय अपने खेतो पर निरन्तर निरीक्षण ओर भ्रमण करते रहें ओर फसल पर गहरी नज़र रखे ओर साथ ही साथ  सभी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षकों,  गन्ना सुपरवाइजरों ओर चीनी मिलों के गन्ना विशेषज्ञों द्वारा वक्तिगत भी गन्ने के खेतो पर भ्रमण किया जाए ओर किसानो को जागरूक किया जाए। निरीक्षण के समय विभागीय अधिकारी और चीनी मिलों के अधिकारी तथा फील्ड स्टाफ उपस्थित रहे।