PRATAPGARH NEWS: जनपद के विकासखंड मांधाता के अंतर्गत खमपुर ग्राम सभा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की खबरें सामने आ रही हैं। जहां एक ओर सरकार गांवों में रोजगार सृजन और आधारभूत संरचनाओं के विकास के उद्देश्य से मनरेगा जैसी योजना चला रही है, वहीं खमपुर ग्राम सभा में इसका दुरुपयोग खुलेआम किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, लगातार हो रही बारिश के बावजूद संपर्क मार्ग का कार्य दिन-रात कागज़ों पर चलता दिख रहा है। क्षेत्र में 58 मज़दूरों की रोजाना हाज़िरी दिखाई जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ना तो मजदूर साइट पर दिखाई देते हैं और ना ही निर्माण कार्य की गुणवत्ता का कोई ठोस प्रमाण। इससे साफ झलकता है कि फर्जी हाजिरी और कागज़ी कामों के जरिए लाखों रुपये की बंदरबांट की जा रही है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस खुले भ्रष्टाचार के बावजूद जिला प्रशासन और ब्लॉक स्तर के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। क्या यह चुप्पी अधिकारियों की लापरवाही है या फिर मिलीभगत का संकेत? सचिव की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनकी सहमति से ही यह घोटाला संभव हो पा रहा है? अब समय आ गया है कि जिला परियोजना अधिकारी (DPRO) और उच्च अधिकारी खमपुर ग्राम सभा की इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लें और जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें। जब तक ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक मनरेगा जैसी योजन सफल नहीं होगी।