उर्वरक में किसी भी प्रकार की अनियमितता, ओवर-चार्जिंग, टैगिंग या कालाबाजारी की शिकायत करायें दर्ज
PRATAPGARH NEWS: जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार ने बताया है कि जनपद के कृषकों द्वारा खरीफ-2025 में फसलों की बुवाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है जिसके कारण फास्फेटिक उर्वरकों की मांग तेज हुई, कृषकों को निर्धारि दरों पर उनकी जोत के अनुसार संस्तुत मात्रा में गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना एवं जमा खोरी/कालाबाजारी/निर्धारित दर से अधिक दरों पर विक्री अन्य उत्पादों की टैगिंग पर अंकुश लगाना कृषि विभाग की प्राथमिकता है। उन्होने सभी किसान भाईयों से अनुरोध है कि वे अपनी जोत के प्रमाण (खतौनी आदि) सम्बन्धित दस्तावेज साथ लेकर ही उर्वरक खरीदें। उर्वरक खरीदते समय पक्की पर्ची (बिल) अवश्य लें। यदि आपसे उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद जबरन खरीदने के लिये कहा जाता है, अधिकतम खूदरा मूल्य से अधिक पैसे लिये जाते है या उर्वरक उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो तुरन्त सूचित करें। जिला कृषि अधिकारी ने सभी लाइसेंसधारी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे किसानों को उनकी पंजीकृत जोत (भूमि) के आधार पर उर्वरक उपलब्ध करायें। उर्वरकों की विक्री/वितरण के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग, ओवर रेटिंग कालाबाजारी तथा तस्करी करते जो भी विक्रेता पाया जायेगा उसके विरूद्ध उर्वरक अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित (नियंत्रण आदेश-1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955) में निहित प्राविधानानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होने किसानो से कहा है कि उर्वरक में किसी भी प्रकार की अनियमितता, ओवर -चार्जिंग, टैगिंग या कालाबाजारी की शिकायत मिले तो प्रत्येक विकास खण्ड पर स्थापित राजकीय कृषि बीज गोदाम कार्यालय, जिला कृषि अधिकारी कार्यालय विकास भवन मोबाइल नम्बर 7839882339 व उप कृषि निदेशक कार्यालय प्रतापगढ़ में दर्ज करा सकते है। कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की विशेष टीमें उर्वरक वितरण व्यवस्था पर नजर रख रही है। निर्देशों का उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध तीव्र गति से कठोर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। हमारा संकल्प है कि प्रतापगढ़ के प्रत्येक किसान को सही समय पर, सही मात्रा में, सही दाम पर उर्वरक उपलब्ध करायें।