Home October करवा चौथ : चलनी से देखा अपना चांद, अर्पित किया पहला अर्घ्य

करवा चौथ : चलनी से देखा अपना चांद, अर्पित किया पहला अर्घ्य

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मुसाफिरखाना अमेठी
अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर महिलाओं ने निराजल व्रत रखा। रविवार देर शाम चांद देखने के बाद व्रत का पारण किया। घंटों के इंतजार के बाद आसमान में बादलों की लुकाछिपी के बीच जैसे ही चांद नजर आया, व्रती महिलाओं का इंतजार खत्म हुआ। चलनी की ओट से चंद्रमा को निहारा और पहला अर्घ्य अर्पित किया। शिव-शिवा, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और चांद की पूजा की। घरों के साथ ही मंदिरों में भी करवा चौथ का पूजन हुआ।अखंड सौभाग्य और सुहाग की मंगलकामना के लिए सुहागिन महिलाओं ने सुबह स्नानादि करके तिथि, वार, नक्षत्र का उच्चारण कर हाथ में जल, अक्षत, पुष्प, द्रव्य लेकर व्रत का संकल्प लिया। दिन चढ़ने के साथ ही घरों में पूजन की तैयारियां शुरू हो गयी। शाम ढलते ही चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए महिलाएं परिवार के साथ छतों पर जमा हो गयी। देर शाम 8:40 बजे जब बादलों की ओट से चांद आसमान में नजर आया तो महिलाओं ने पहले पूजा की। पूजन के बाद पहला अर्घ्य चंद्रमा को अर्पित किया। इसके बाद परंपरागत रूप से चलनी की ओट से चांद को देखा और लोक मान्यताओं के अनुसार व्रत पूरा किया। महिलाओं ने चौथ माई की कथा सुनी और मिठाई आदि का भोग लगाकर करवा फेरने की रस्म निभाई। पति के हाथों से जल पीकर व्रती महिलाओं ने व्रत का पारण किया। व्रत पूरा होने के बाद महिलाओं ने भगवान शिव के मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। महादेव के मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।