KUSHINAGAR NEWS: “सिंघम”, “दबंग” या “शेरशाह” जैसे किरदार फिल्मों में तो आपने देखे होंगे, लेकिन जब ये किरदार हकीकत में हमारे सामने उतरें तो समाज को नया विश्वास मिलता है। तमकुहीराज थाना प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार शुक्ल ने सोमवार को एक ऐसा ही कार्य कर दिखाया, जिसने पुलिस की छवि को एक बार फिर मानवता के प्रहरी के रूप में प्रस्तुत किया। घटना तमकुहीराज तहसील परिसर की है, जहां नेक मुहम्मद पुत्र नबी हुसैन, उम्र 85 वर्ष, निवासी बसडिला बुजुर्ग, जमीन की रजिस्ट्री कराने आए थे। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे वहीं गिर पड़े। लोग मदद को आगे तो आए, पर किसी को समझ नहीं आया कि क्या किया जाए। स्थिति नाजुक थी, वक्त कम था।जैसे ही इसकी जानकारी थाना प्रभारी सुशील शुक्ल को मिली, उन्होंने फुर्ती दिखाई और बिना किसी औपचारिकता के अपनी सरकारी गाड़ी को एंबुलेंस में तब्दील करते हुए खुद बुजुर्ग को लेकर अस्पताल की ओर रवाना हो गए।यह दृश्य उन सभी लोगों के लिए भावुक कर देने वाला था जो मौके पर मौजूद थे। पुलिस अधिकारी का यह संवेदनशील चेहरा लोगों के दिलों को छू गया।
हालांकि, डॉक्टरों ने अस्पताल पहुंचने पर नेक मुहम्मद को मृत घोषित कर दिया, लेकिन एस एच ओ सुशील शुक्ल की यह पहल कई जिंदगियों को मानवता का पाठ पढ़ा गई। “हर वर्दी डराने के लिए नहीं होती, कुछ भरोसा दिलाने भी होती हैं” इस घटना के बाद इलाके में थाना प्रभारी की जमकर सराहना हो रही है। तहसील में कार्य कर रहे वकील, लेखपाल, अधिकारी और आमजन ने कहा कि“सुशील शुक्ल न केवल एक कर्मठ पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं।” यह पहला अवसर नहीं है जब एस एच ओ सुशील शुक्ल ने अपनी मानवता का परिचय दिया हो। क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर उनकी सख्ती और जनता के प्रति उनकी सेवा भावना, दोनों ने उन्हें एक “सुपरकॉप” की उपाधि दिला दी है।