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उत्पीड़न व शोषण के विरूद्ध ग्राम प्रधानों व ब्लॉक कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर सौंपा 10 सूत्री ज्ञापन

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BALRAMPUR NEWS: कमाल खान(ब्यूरो प्रमुख) पचपेड़वा ग्राम पंचायत के विरुद्ध निरंतर हो रहे उत्पीड़न एवं शोषण को लेकर विकास खंड पचपेड़वा के ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, ग्राम रोजगार सेवक एवं तकनीकी सहायक  द्वारा ब्लॉक मुख्यालय पचपेड़वा में संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी महोदय को संबोधित 10 सूत्री ज्ञापन खंड विकास अधिकारी को सौंपा गया।

विकासखंड परिसर में धरना प्रदर्शन कर खंड विकास अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में ग्राम पंचायत बिशुनपुर टनटनवां में मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित तीन तालाब के सापेक्ष की गई जांच में दोषी पाए गए ग्राम प्रधान सचिव, रोजगार सेवक,जे०ई० व एपीओ के विरुद्ध जिला प्रशासन के निर्देश पर खंड विकास अधिकारी पचपेड़वा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई जिसके क्रम में सभी लोग जेल गए किंतु मनरेगा अंतर्गत उसे तालाब पर लगभग 38 लख रुपए के भुगतान पर तत्कालीन खंड विकास अधिकारी धनंजय सिंह को जिला प्रशासन द्वारा बचा लिया गया जबकि भुगतान तत्कालीन खंड विकास अधिकारी धनंजय सिंह के डोंगल द्वारा किया गया, इनके खिलाफ कोई कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। तत्कालीन खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा अविलम्ब दर्ज कराने की माँग की गई।

ग्राम पंचायत बैजपुर, विकासखंड बलरामपुर में पंचायत भवन निर्माण कार्य में अनियमितता पर दोषियों के विरुद्ध सीधे एफआईआर दर्ज कर दिया गया जबकि दुरुपयोग की गई धनराशि की वसूली दोषी कर्मचारी/प्रधान से सीधे या उनके वेतन से की जा सकती थी। इसी क्रम में दिनांक 27.6.2025 को विभागीय अधिकारियों के अभियोजन स्वीकृत के बगैर महिला कर्मचारी श्रीमती आरती रावत जिसके गोद में चार माह की बच्ची है एवं ग्राम प्रधान अरुण सिंह को अमानवीय तरीके से पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया उक्त कृत घोर निंदनीय है। यदि जिला प्रशासन में मानवीय संवेदना होती तो उसे महिला कर्मचारी को जेल जाने से बचाया जा सकता था। एफ० आई०आर० को तत्काल वापस लेकर उपरोक्त की रिहाई कराने की माँग की गई।

जिले के अधिकांश ग्रामों में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत पाइपलाइन डालने एवं गांव में खोदी गई सड़कों का मरम्मत नहीं हुआ है एवं विकासखंड बलरामपुर के ग्राम पंचायत चूल्हा भारी में पानी की टंकी फट गई थी, प्रशासन द्वारा एफ०आई०आर० की कोई कार्रवाई नहीं की गई । ठेकेदार मरम्मत का कार्य नहीं कर रहे हैं जिनके विरुद्ध एफ०आई०आर०दर्ज कराने की माँग की गई।

ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में 252 रुपए की मजदूरी होने के कारण मजदूर कार्य करने को तैयार नहीं है इस कारण हम सभी काफी परेशान हैं तथा हम सभी से अनुचित शोषण व धन मांग न पूरी कर पाने के कारण अधिकारियों द्वारा परेशान एवं प्रताड़ित करने के कारण मनरेगा का कार्य नहीं करेंगे एवं वर्तमान में समस्त कार्य बंद रखेंगे।

ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक वर्ष शासन द्वारा सौंपे गए लक्ष्य के अनुसार वृक्षारोपण किया जाता है। वृक्षारोपण के पश्चात कई कारणों से पेड़ों की सुरक्षा न होने के कारण अधिकांश पेड़ नष्ट हो जाते हैं।भविष्य में पेड़ों की जांच के नाम पर हम लोगों के विरुद्ध उपरोक्त अनुसार उत्पीड़न की संभावना है। इस कारण हम लोग वृक्षारोपण का कार्य नहीं करेंगे।

शासन के आदेश संख्या 1350/48/07,02,2022-296/मनरेगा 2013 दिनांक 22-8-2022 में विंदु – संख्या- 3 के पैरा 3 में मनरेगा हेतु ग्राम पंचायत को दिए गए समस्त अधिकार को जानबूझकर भ्रष्टाचार के उद्देश्य से लागू न करने से प्रायः ग्राम पंचायत में मनरेगा की विसंगतियां उत्पन्न होती हैं।तत्काल उक्त शासनादेश को लागू किया जाए, अन्यथा की दशा में ग्राम पंचायत पर कोई कार्यवाही न की जाए।

मनरेगा एक मांग आधारित योजना है। जनपद एवं विकासखंड अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न एवं शोषण के उद्देश्य से जबरदस्ती लक्ष्य आधारित योजना बना दिया गया है जो कि मनरेगा एक्ट का उल्लंघन है एवं मनरेगा में जबरदस्ती व दबाव को रोका जाए।

प्रत्येक माह सीएम डैशबोर्ड पर रैंकिंग के नाम पर अधिकारियों द्वारा शासन को गुमराह करने हेतु जबरन भुगतान करने एवं अन्य फर्जी तरीके से रिपोर्टिंग करने का दबाव बनाया जाता है, जिससे शासन के समक्ष सही स्थिति प्रस्तुत नहीं हो पाती है एवं नियमों के उल्लंघन की संभावना बनी रहती है। अतः रैंकिंग के नाम पर दबाव बनाया जाना बंद किया जाए।

विभिन्न शासकीय योजनाओं में उच्च अधिकारियों द्वारा बिना भू- प्रबंध समिति का प्रस्ताव कराए, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति के बिना ही जल्दबाजी में कार्य प्रारंभ करने का दबाव बनाया जाता है जिससे बाद में इन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर विभिन्न प्रकार से उत्पीड़न किया जाता है‌। उपरोक्त कार्य प्रणाली पर तत्काल रोक लगाई जाए।

मुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध करते हुए तत्काल प्रभाव से उपरोक्त समस्याओं का निराकरण किया जाए एवं कारागार में निरुद्ध ग्राम प्रधानों एवं समस्त कर्मचारियों की रिहाई कराई जाए, अन्यथा की दशा में उपरोक्त समस्त समस्याओं के निराकरण न होने तक हम सभी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार्य पर रहेंगे‌।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान महिनकी देवी, धनीराम,अक्षय , कृष्ण कुमार, सलमान, गुन्नू मास्टर,सुनील, जोगिंदर थारू,बब्बू,फिरोज,अहमद रज़ा,इमरान, अयोध्या,इंद्रजीत,बब्लू, पुजारी,कुंजबिहारी,बेकारू,रहमुल्लाह,वली मो० समेत दर्जनों प्रधान, सचिव एवं रोजगार सेवक उपस्थित रहे।