BALRAMPUR NEWS: कमाल खान(ब्यूरो प्रमुख) मंगलवार को वादी अशोक कुमार सहायक अधीक्षक डाकघर उप मंडल बलरामपुर द्वारा थाना को0 उतरौला में दिए गए प्रार्थना-पत्र दिया गया कि विपक्षी तत्कालीन पोस्ट मास्टर नरेन्द्र प्रताप उप डाकघर उतरौला द्वारा दिनाँक 14.12.2023 से 09.07.2024 तक के बीच विभिन्न तिथियों में अपने सहयोगी सुनील कुमार व अन्य साथियों के साथ मिलकर एक करोड़ रूपये उप डाकघर उतरौला से स्टेट बैंक आफ इण्डिय़ा शाखा उतरौला में प्रेषण दिखाया गया परन्तु वास्तव में बैंक को प्रेषण नहीं हुआ । इस प्रकार सरकारी धन का स्थायी दुर्विनियोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक बलरामपुर विकास कुमार द्वारा थाना को0 उतरौला क्षेत्रांतर्गत उप डाकघर में हुए उक्त सरकारी धन का स्थायी दुर्विनियोजन की घटना के संबंध में अभियोग पंजीकृत कर घटना के सफल अनावरण व अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु दिए गए निर्देश के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय, क्षेत्राधिकारी उतरौला राघवेन्द्र प्रताप सिंह व क्षेत्राधिकारी ललिया डॉ0 जितेन्द्र कुमार के पर्यवेक्षण में तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली उतरौला अवधेश राज सिंह के नेतृत्व में- मंगलवार को भारतीय दंड संहिता से संबंधित वांछित अभियुक्तगण 1. नरेन्द्र प्रताप पुत्र श्री रामकुमार निवासी ग्राम रानीपुर थाना कप्तानगंज जनपद बस्ती हालपता 1198/3 कृष्णा विहार कालोनी सिविल लाइन थाना को0नगर जनपद गोण्डा 2. सुनील कुमार पुत्र स्व0 रामतीरथ वर्ष निवासी ग्राम विशुनापुर बेलभरिया थाना खरगूपुर जनपद गोण्डा को मुखविर खास की सूचना पर गोण्डा रोड नहर पुलिया भडवाजो के पास से गिरफ्तार कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करते हुए माननीय न्यायालय रवाना किया गया।
पूछताछ का विवरण-
गिरफ्तार अभियुक्त नरेंद्र प्रताप से पूछताछ करने पर बताया कि जब मैंने उप डाकघर उतरौला का कार्यभार ग्रहण किया उस दौरान मुझे ज्ञात हुआ कि उप डाकघर उतरौला में खजांची नियुक्त नहीं है, खजांची का कार्य भी पोस्टमास्टर द्वारा ही किया जाता है । कार्य के दौरान ही मुझे ज्ञात हुआ कि उप डाकघर उतरौला के खाते का रिकन्साईलमेंट 2-3 साल पीछे चल रहा था इसलिए मेरे मन में अवैध धनार्जन करने का लालच आया और मैंने सोचा कि यदि मैं उप डाकघर उतरौला की सरकारी धन को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए गबन कर लूं तो किसी को जानकारी नहीं हो पायेगी क्योकि रिकन्साईलमेंट पीछे चल रहा है जिससे बैंक स्टेटमेंट से मिलान संभव नही होगा और मेरी चोरी पकड़ी नही जाएगी। इसी का फायदा उठाते हुए मैने पहले 25 लाख कैश जो स्टेट बैंक भेजा जाना था उसे बैंक न भेजकर फर्जी डाक्यूमेंट तैयार कर उसका प्रेषण दिखा दिया गया और उस पैसे को भौतिक रूप से बैंक में नही भेजा। इसी तरह मेरे सहयोगी सुनील कुमार द्वारा भी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए 15 लाख रु0 का गबन कर लिया गया, जब लेनदेन की भिन्नता की जानकारी प्रधान डाकघर बलरामपुर को हुई तो गबन का रुपया मैनेज करने के लिए 20 लाख रुपया प्रधान डाकघर के कर्मचारियों को दिया गया इस तरह मैने व सुनील कुमार ने अन्य विभागीय कर्मचारियों के साथ मिलकर कुल 01 करोड़, 60 हजार 249 रुपये सरकारी धन का गबन कर लिया गया था।