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इंसानी रिश्ते के दायरे : देह व्यापार मैं बि कता कौन है महिला या “पुरुष

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कहा जाता है कि पैसा बोलता है जिसके पास आज पैसा है उसके पास सब कुछ है और तेज रफ्तार से बदलती इस जिंदगी में इस पैसे को कमाने के लिए इंसान क्या कुछ नहीं कर्ता, चाहे उसे अपना शरीर ही क्यों न बेचना पड़े! पैसा क्या कुछ नहीं करवाता! कितनी औरतें ऐसी है जो अपना शरीर बेचकर या देह व्यापार और अपना जीवन चलाती है? इस व्यापार में आज पूरी भी शामिल है। आज पुरुष भी छुपकर या खुलेआम पैसे तथा आनंद की खातिर इस देह व्यापार का हिस्सा बनते जा रहे हैं फिर किसी को किसी की मजबूरी खींच लाई हो या शौक! और धीरे-धीरे यह पैसा उनकी आय का साधन बनता जा रहा है यह उनकी जरूरत या आनंद का जरिया है या नहीं पर यह तो जाहिर है कि पुरुष अपने देह व्यापार से खूब पैसा कमाने में लगा हुआ है इनके लिए व्यापार से हर क्रिया दाम के हिसाब से विभाजित होती है, जैसे गलत चैट करना, गलत हरकते, अश्लील बातें! यह सारी बातों के दाम होते हैं। यह पुरुष आमतौर पर किसी भी सुनसान पार्क या बगीचे में भीड़भाड़ के माहौल में घूमते मिल जाते हैं और फिर किराए का कमरा लेकर अपने रोजगार को भी चलाते हैं। इनके अनुसार इनके धंधे में भी कुछ खास महीने और दिन होते हैं जिन दिनों में अच्छा कमाते हैं और वह अपने इस धंधे के प्रति कोई शर्म हया का लिहाज ना रखते हुए उसे पूरी ईमानदारी से निभाते हैं इससे इन्हें एक दिन में कम से कम एक पाँच हजार तक की आमदनी हो जाती है। यह तो तय है कि इस व्यापार से उन्हें पैसा मिलता है पर इन व्यापार में कुछ पुरुष ऐसे हैं जो गरीब है या बेरोजगार हैं कुछ पुरुषों के पास पैसे के साथ-साथ रोजगार एवं जरूरत की सभी सुख साधन है, अगर ऐसा होता है जब रोजगार और आय ना मिलने के कारण पुरुष दर-दर की ठोकरें खाते हैं और उनके कोई मित्र या परिवार नहीं होते हैं तो उन्हें सर छुपाने के लिए छत और पैसे की जरूरत होती है और फिर यह देह व्यापार में लिप्त हो जाते हैं। इस तरह ये पूंजी अर्जन का इसे स्रोत मानते हैं वहाँ अपनी निजी समस्या से निजात पाने के लिए ऐसे गलत कामों को भी सही समझते हैं। इस तरह इस धंधे से जुड़े पुरुषों में कोई झिझक या अपराध बोध जैसी प्रवृत्ति दूर तक दिखाई नहीं देती। रैंप पर चलते हुए मॉडल हो या सिने जगत के फिल्मी सितारे! इनमें से 70% पुरुष इसी श्रेणी में आते हैं फिर चाहे ड्रेस डिजाइनर हो या कोरियोग्राफर फोटोग्राफर या एक्टर हो आपस में उनका एक दूसरे के प्रति आकर्षण एवं शारीरिक संबंध कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। यह समलिंगी रिश्ते के दायरे सीमित नहीं रह गए हैं बल्कि आज हमारे समाज के हर हिस्से पर यह पैर पसारती जा रहे है। एक दूसरे की दैहिक इच्छा को पूरी करते इन पुरुषों की गतिविधियों को आम देखा जा सकता है इनसे जुड़ी संस्थाएं ऐसे पुरुषों को मद्देनजर उनसे संबंधित कार्य कर रही है फिर वह मार्गदर्शन का हो या उनकी निजी जरूरतों का सब कुछ खुलेआम होने लगा है। पुरुष के लिए पुरुष की मीटिंग गेट टुगेदर या पार्टी आदि जैसे गे-पार्टीज कहा जाता है समय-समय पर आयोजित होती रहती है वह कहीं भी चोरी छुपे नहीं बल्कि बड़े-बड़े फार्म हाउस यह धंधे में लिप्त है। महानगरों में ऐसी कई जगह होती है जहांँ आंँखों में तलाश लिए फिरते पुरुषों को देखा जा सकता है। यह पुरानी सकरी वाली गलियों, भीड़ वाले स्थान, सिनेमाघर, बस स्टैंड इत्यादि में। इसके अलावा अन्य केंद्र है वह मैन सलून तथा मसाज सेंटर। भले ही यह सब जगह ना होता हो पर हाई-फाई एवं स्टैंडर्ड के सलून एवं मसाज सेंटर में यह आम बात है पर चोरी छुपे अपने काम को आड़ में रखते हैं। आज बड़े-बड़े होटलों एवं क्लबों में जिस तरह लड़कियों का कैबरे डांस होता है उसी तरह कम मात्रा में ही सही पुरुषों का कैबरे डांस भी होता है, यहांँ पर औरतों से ज्यादा पुरुष डांस देखने को मिलते हैं जो अपनी गलत हरकतों को शांत करने का जरिया ढूंढते हैं। यही नहीं इंटरनेट के इस जमाने में आज ऐसी हजारों वेबसाइट है जिसमें पुरुषों को पुरुषों से आकर्षित होते हुए देखा जा सकता है इन सबके साथ कई वेबसाइट पर तो चैटिंग रूम भी उपलब्ध है।

समाज में व्याप्त चीजों का कोई किनारा नहीं है सभी अपनी इच्छा से जीना चाहते हैं और अपनी इच्छा पूर्ति के लिए सीमाओं को लाँघने का प्रयास भी करते हैं एक दूसरे के साथ समय बिताने के लिए यह समाज से छुपा हुआ पुरुष कमरों में रात बिताना पसंद करते हैं। आज समलिंगी रिश्ते के संबंधों को बुरा नहीं माना जा रहा है इसके लिए बकायदा संस्थाएं भी खुल रही है, वहांँ चाहे तो आप अपनी इच्छा पूर्ति करिए या परामर्श लेकर समस्या से निजात पाइए इन संस्थाओं और इसके समर्थक समूहों ने इस संबंधों को नए आयाम दे दिए हैं। अजीब है पर अब खुद बिकने को राजी हो रहे हैं पुरुष!

पूजा गुप्ता
मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश)