Home आस्था आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के मार्ग दर्शन में माघ मेला...

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के मार्ग दर्शन में माघ मेला में महाकुंभ की होगी तैयारियां प्रयागराज। किन्नर अखाड़ा माघ मेला के ओल्ड जीटी रोड – संगम लोवर चौराहे पर शिविर लगाने के लिए भूमि पूजन गुरूवार को दोपहर दो बजे से करेगा। भूमि पूजन में उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि महाराज (टीना मा) और प्रयागराज की महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणीनंद गिरी (छोटी गुरु) बड़ी संख्या में शिष्यों सहित पूजन करेगी। उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और उप्र किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने बताया कि शिविर में पूजन, हवन, अन्नक्षेत्र सहित अन्य कार्यक्रम मकर संक्रांति से शुरू होकर माघी पूर्णिमा तक चलेगा। उन्होंने बताया कि माघ मेला में किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंद गिरि सहित सभी महामंडलेश्वर, महंत, पीठाधीश्वर, महंत सहित सभी पदाधिकारी शामिल होंगे और इस दौरान महाकुंभ मेला प्रयागराज के तैयारियों पर विस्तार से चर्चा होगी। महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने बताया कि किन्नर संत माघ मेला में कल्पवास करते हुए सभी मुख्य स्नान पर्वों पर बड़ी संख्या में शिष्यों सहित गंगा और संगम स्नान करेंगे।

215
0
इस बार 55 दिन का होगा माघ मेला, कल्पवास से मिलता है अक्षय पुण्य : स्वामी ब्रह्माश्रम जी महराज
प्रयागराज। तीर्थराज प्रयागराज के संगम की रेती पर एक माह का कल्पवास मकर संक्रांति अर्थात 14 – 15 जनवरी से शुरू होने जा रहा है जो माघी पूर्णिमा तक चलेगा। कल्पवास की तैयारियों के लिए देश के कोने – कोने से कल्पवासियों की भीड़ मेला क्षेत्र में 10 जनवरी से पहुंचने लगेगी। कल्पवासी अपने शिविरों में कल्पवास की तैयारियां करके कल्पवास मकर संक्रांति से शुरू कर देंगे जबकि इस बार माघ मेला 55 दिन का होगा जो मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलेगा।
माघ मेला के छह प्रमुख स्नान पर्व है। पहला मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति 14 -15 जनवरी, दूसरा मुख्य स्नान पर्व पौष पूर्णिमा 25 जनवरी, तीसरा मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या नौ फरवरी, चौथा मुख्य स्नान पर्व चार फरवरी को बसंत पंचमी, पांचवां मुख्य स्नान पर्व माघी पूर्णिमा 24 फरवरी और छठवां मुख्य स्नान पर्व महाशिवरात्रि आठ मार्च को है, और इसके साथ माघ मेला का समापन हो जाएगा।
अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने बताया कि इस माघ मेला और कल्पवास थोड़ा पिछड़ गया है क्योंकि पौष पूर्णिमा मकर संक्रांति के बाद पड़ रही है लेकिन कल्पवास मकर संक्रांति 14 – 15  जनवरी से शुरू होने जा रहा है ऐसे में कल्पवासी माघ मेला क्षेत्र में 10-12 जनवरी से पहुंचने लगेगे, वह लोग अपने शिविर को व्यवस्थित करके कल्पवास शुरू कर देंगे जबकि शेष कल्पवासी 20 जनवरी तक माघ मेला क्षेत्र में लगे शिविर में पहुंचेगे। पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने बताया कि प्रत्येक सनातनधर्मी को अपने जीवन में कम से कम एक बार तीर्थराज प्रयागराज में माघ मास में एक बार कल्पवास जरूर करना चाहिए, इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जो लोग किसी कारण वश कल्पवास नहीं कर सकते हैं वह माघ मास में गंगा और संगम में स्नान कर भगवान वेणीमाधव, बड़े हनुमान जी का दर्शन पूजन कर दान जरूर करें इससे भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।