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अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा ताशीपुर बिजलीघर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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मूलभूत सुविधाओं का अभाव, चहारदीवारी न होने से बना रहता है खतरा

SAHARANPUR: एक ओर जहां प्रदेश सरकार लगातार विकास के नाम पर करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा रही है, वहीं आज भी ताशीपुर बिजलीघर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विद्युत कर्मचारी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने पर मजबूर हैं। जी हां हम बात कर रहे सहारनपुर के ब्लाक नागल के गांव ताशीपुर बिजलीघर (उपकेंद्र) की जिसकी स्थापना सन् 1965 में हुई थी। गांव से लगभग 500 मीटर दूर कब्रिस्तान के नजदीक बना यह बिजलीघर आज अपने कायाकल्प की बांट जोह रहा है। ताशीपुर बिजलीघर उपकेंद्र की बिल्डिंग जीर्ण क्षीण अवस्था में है। छत के लिंटर का प्लास्टर टूटकर गिरने लगा है। बारिश होने पर मशीनों पर पानी टपकता है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बिजलीघर की चहारदीवारी न होने से आवारा पशुओं सहित अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी का खतरा बना रहता है। बिजलीघर के समीप एक एक दुर्घटना भी हो चुकी है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। बिजलीघर में प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं है और न ही आवागमन के लिए सड़क है। मौजूदा समय में दो बड़े कमरे हैं जिनमें विद्युत मशीनें रखीं हुई है। इन्हीं के बीच बैठकर  जेई व अकाउंट कर्मचारी अपनी ड्यूटी करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि क्षेत्र के की हजार से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराने वाले कर्मचारी तंगहाल और जर्जर इमारत में जान जोखिम में डाल काम करने को मजबूर हैं। बिजलीघर पर एक  जेई,तीन एसएसओ, आठ लाईनमेन, एक टीजीटू, विद्युत कर्मचारी कार्यरत हैं। ताशीपुर बिजलीघर पर मूलभूत सुविधाओं के लिए स्थानीय विधायक से लेकर उच्चाधिकारियों तक से गुहार लगाई परन्तु कोई समाधान नहीं हुआ। उपभोक्ताओं के लिए बिजली घर पर बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। बिजलीघर का लोहे का गेट भी छत के अभाव में जंग लगकर क्षीण अवस्था में है। घास फूंस और चारों ओर जंगल होने के चलते जहरीले जानवरों का खतरा हर समय बना रहता है। रात्रि में ड्यूटी पर तैनात रहने वाले कर्मचारी डर के माहौल में पूरी रात ड्यूटी करने पर मजबूर हैं। जानकारी के बाद भी अधिकारी समस्या को नजरंदाज कर रहे हैं। क्षेत्रीय उपभोक्ताओं सोनू , अब्दुल खालिक, शाकिर,शिवम, सहदेव, अमन सिंह, वाजिद अली रिजवान आदि का कहना है कि बिजलीघर पर महज दो ही कमरे हैं और उनमें भी विद्युत मशीनें रखीं हुई है इन्हीं के बीच विद्युत कर्मचारी बैठकर आवश्यक कागजाती काम निपटाते हैं। उपभोक्ताओं ने बिजलीघर पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित बिजली घर की चहारदीवारी और प्रकाश की समुचित व्यवस्था कराएं जाने की मांग की है।