प्रयागराज। अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी की जानिब से शुक्रवार ईद-ए-ज़हरा की खुशी के मौके पर कई मशहूर व मार्रूफ शायर ए अहलेबैत के कलामों से महफिल सजी।
दायरा शाह अजमल स्थित डॉ. मुस्तफा के हाते में हुई महफिल के आगाज़ में मोहम्मद कुमैल ने क़ुरआन और हदीस ए किसा पढ़ा। महफिल को मौलाना जाफर हसनैन क़ुम्मी साहब ने खिताब किया। महफिल में मुख्य रूप ज़मीर भोपतपुरी, नजीब इलाहाबादी, जावेद रिज़वी करारवी, इतरत नक़वी, शहंशाह सोनवी शहीर रालवी, हैदर कोरालवी, ईशान कोरालवी, अज़हर इलाहाबादी, शुजा अब्बास आकिब रालवी, ज़ीशान, अमन प्रतापगढ़ी आदि ने मदहे अहलेबैत मे अपने अशआर पेश किए। महफिल के बाद अंजुमन गुलज़ारे क़ासिमी के नौहख्वानों शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, एखलाक़ रज़ा, यासिर ज़ैदी, एजाज़ नक़वी, कामरान रिज़वी, असद अली, शफ़क़ अली को पुरस्कृत किया गया। निज़ामत दानियाल इलाहाबादी ने किया।
कार्यक्रम में शिया धर्मगुरु मौलाना जौहर अब्बास मौलाना सगीर हसन, मौलाना ज़ीशान हैदर, मौलाना अली अब्बास, मौलाना जाबिर अब्बास मौलाना मो. यासिर मौलाना शाहिद रिज़वी, मौलाना जावेद ने ईद ए जहरा की फजीलत बयां की और नेक और खुश एखलाखी के रास्ते पर चलने की नसीहत दी।
महफिल में आयोजक नासिर ज़ैदी का विशेष योगदान रहा। रज़ा हसनैन एडवोकेट, शादाब रज़ा, अली मियां रिज़वी, बुतुराब मुस्तफाबादी, अलमताब नक़वी, कमर ज़ैदी, ज़हीर हाशिम ज़ैदी, एजाज़ मुर्तज़ा, जैन ज़ैदी, अख्तर मेंहदी, खुशनूद रज़ा, आसिफ रज़ा, आसिफ, महमूद ज़ैदी, ज़फर रिज़वी आदि उपस्तिथ रहे।
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काले लिबास उतारे, एक-दूसरे को दी ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद
अजादारी के दो महीन आठ दिन पूरे होने के बाद पुराने शहर में कई जगह जश्न का सिलसिला जारी रहा। देर रात तक लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर नज्र चखी और ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद दी। शिया समुदाय के लोगों ने काले कपड़े उतारकर खुशरंग लिबास पहने। शादीशुदा महिलाओं ने सुहागनों की तरह श्रृंगार किया। घरों में विभिन्न तरह के पकवान बनाये गये। शिया समुदाय के लोग मोहर्रम का चांद दिखते के साथ ही काले लिबास पहन लिए। इस दौरान किसी ने न तो खुशी मनाई और न ही खुशी के किसी कार्यक्रम में शरीक हुए। पुराने शहर के रानी मंडी, बख्शी बाजार, दरियाबाद, करेली, करेलाबाग, अतरसुइया के अलावा मुंडेरा, नीम सराय में लोगों ने लाल, नीले, पीले, गुलाबी रंग के लिबास पहनकर जश्न मनाया और खुशी का इजहार किया।