Home उत्तर प्रदेश अंग्रेजों के सामने कभी झुके नहीं शिव जियावन भुर्तिया-धीरेन्द्र शुक्ल

अंग्रेजों के सामने कभी झुके नहीं शिव जियावन भुर्तिया-धीरेन्द्र शुक्ल

के के मिश्रा -प्रात काल एक्सप्रेस यमुनापार,प्रयागराज।यमुनापार के खीरी थाना अंतर्गत डीही खुर्द के भुर्तिया परिवार में जन्मे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव जियावन लापर क्षेत्र के गौरव थे। अंग्रेजों के कोड़े खाए। वर्षों जेल में रहे लेकिन दासता नहीं की।आजाद की लड़ाई में शिव जियावन भुर्तिया ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया। अंग्रेजों का विरोध करने पर ही उन्हें नैनी, शिव साउथ मलाका, फतेहपुर की जेलों में रहना पड़ा। जेल में ही उन्हें सैकड़ों कोड़े और खाना नहीं दिया जाता था। देश आजाद हुआ। इलाहाबाद के जिला पंचायत के प्रथम चेयरमैन पं सरयू प्रसाद पाण्डेय के कार्यकाल में वह जिला पंचायत सदस्य रहे। उस दौरान यमुनापार के मेजा, कोरांव में शिव जियावन भुर्तियापरिषद द्वारा सैकड़ों प्राइमरी स्कूलों की स्थापना कराई थी। लापर क्षेत्र के पिछड़ापन व अशिक्षा को दूर करने के लिए लेड़ियारी बाजार में सन् 1965 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामदुलार, केदारनाथ, सूरज दीन, बाबू रघुबीर सिंह, प्रधान केशव सिंह शिवपाल नारायण पाण्डेय आदि के सहयोग से इन्टर कालेज की स्थापना की थी। सिंचाई मंत्री बाबू मंगला प्रसाद से प्रयास करके खेतों की सिंचाई कराने के लिए नहरों की खुदाई कराकर धान का कटोरा बनवाया। शिव जियावन की ही देन हैं कि लापर क्षेत्र का किसान सोनाचूर, दुबराज, विष्णु भोग, कावेरी जैसे धान का उत्पादन कर रहा है। इसीलिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव जियावन भुर्तिया को लापर का गौरव कहा जाता है।