वाराणसी में ऑफिस खोलकर चल रहा था अवैध प्लाटिंग का खेल, जानिए कैसे पकड़ में आया
VARANASI: वीडीए,वाराणसी विकास प्राधिकरण के नाम पर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा था। वीडीए से फर्जी अप्रूवल दिखाकर वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर से लेकर चंदौली तक प्लाट बेचे जा रहे थे। वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम ने चांदमारी स्थित एक दफ्तर में छापेमारी की तो इसका खुलासा हुआ। जमीन की क्रय विक्रय के लिए खोले गए ऑफिस से कई ब्रोशर मिले जिस जब्त कर लिया गया है। दबिश के दौरान मिले ब्रोशर के जरिए वीडीए अवैध तरीके से प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। दरअसल एक शख्स वीडीए पहुंचा और हाथ में सारनाथ इलाके में हो रही प्लाटिंग से संबधित ब्रोशर उसके पास था। ब्रोशर के मुताबिक वह जिस प्लाट को खरीदने की तैयारी कर रहा था उसका नक्शा वीडीए से अप्रूव दिखाया गया था। वीडीए के हेल्प डेस्क से जुड़े लोगों ने जब ब्रोशर देखा और नक्शा पटल से जानकारी ली तो मालूम चला कि ऐसा कोई नक्शा, लेआउट स्वीकृत नहीं हुआ है। मामला वीडीए उपाध्यक्ष तक पहुंचा। जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्र, श्रीप्रकाश के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। वीडीए की टीम चांदमारी स्थित जमीन की खरीद फरोख्त, प्लाटिंग से जुड़े ऑफिस पहुंची। ऑफिस का संचालन सुभाष सिंह और विनोद जैन कर रहे थे। ऑफिस से वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर में प्लाटिंग से संबंधित कई ब्रोशर मिले। चांदमारी स्थित प्लाटिंग से जुड़े ऑफिस में मिले ब्रोशर को देखकर वीडीए टीम भी हैरत में पड़ गई। बड़ी चालाकी से कई ब्रोशर में वीडीए के स्थान पर वीडीए लिखकर पब्लिक को धोखा दिया जा रहा था। विनोद जैन और सुभाष सिंह सारनाथ के रुस्तमपुर में लगभग 1500 वर्ग मीटर में अवैध प्लाटिंग के रहे थे और अपने ब्रोशर में संबधित साइट को वीडीए से अप्रूव दिखाया था। वीडीए ने अवैध प्लाटिंग से संबधित ब्रोशर को कब्जे में लेने के साथ ही चांदमारी स्थित ऑफिस को सील कर दिया।